Gopal Gupta

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नमकीन लगती है

कभी मीठी वो लगती है कभी नमकीन लगती है,
कि बेग़म दूसरे की सब को ही रंगीन लगती है,,

बड़ी ही खूबसूरत है झड़े है फूल  हँसने से,
जो देती गालियाँ तो भी हमे तहसीन लगती है,,

कभी ताके है खिड़की से कभी है छत के ऊपर से,
नज़रबाजी कि मुझ को वो बहुत शौकीन लगती है,,

न जाने क्यों हुआ ऐसा नज़र किस की लगी मुझ को,
करू तारीफ़ कितनी  भी उसे तौहीन लगती है,,

नमी आँखों मे दिखती है हँसी चेहरे पे है लेकिन,
मुझें गोपाल लेकिन आज वो ग़मगीन लगती है,,
 Gopal Gupta" Gopal"

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6 Comments

नजरबाजी की,,, होगा,,,, कि,,,, के स्थान पर,,,, करूँ होगा

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Gopal Gupta

30-Jul-2023 05:05 PM

जी आभार दिल से

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Wooow Kya कहने जी,,,, बहुत ही सुंदर और खूबसूरत भावों की अभिव्यक्ति

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Sushi saxena

12-Jul-2023 10:51 PM

Nice 👍🏼

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Gopal Gupta

30-Jul-2023 05:06 PM

आभार दिल से

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